काफी समय से सर्दी-जुकाम है तो कही आप साइनस के शिकार तो नहीं, जानिए लक्षण और उपचार

काफी समय से सर्दी-जुकाम है तो कही आप साइनस के शिकार तो नहीं, जानिए लक्षण और उपचार

सेहतराग टीम

बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण की वजह से आज के समय में तकरीबन सभी लोगों को सांस लेने और सर्दी जुकाम की समस्या रहती है। इसकी वजह से लोग बहुत परेशान रहते हैं। अगर आप इससे काफी समय से परेशान हैं तो सावधान हो जाएं और जाकर डॉक्टर को दिखाएं कहीं आप साइनस के रोगी तो नहीं है। साइनस जिसे मेडिकल भाषा में साइनोसाइटिस कहते हैं। इस बीमारी को इग्नोर करना ठीक नहीं है।

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इस बीमारी में रोगी की नाक की हड्डी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से जुकाम रहता है। ठंडी चीजों से परहेज किया जाए तो ये बीमारी कई बार खुद ही खत्म हो जाती है, लेकिन जिन्हें ये परेशानी लंबे समय तक रहती है उन्हें नाक का ऑपरेशन कराना पड़ता है।

साइनस के लक्षण (Sinus Infections Symptoms in Hindi):

साइनस में अक्सर बुखार रहना: कुछ लोगों में पाया गया है कि साइनस के कारण बुखार भी रहता है। आप भी इस तरह की परेशानी महसूस करते हैं तो तुरंत उपचार कराएं।

सिर दर्द होना: सिर दर्द होना साइनस का मुख्य लक्षण है, जिन लोगों को सिर दर्द की परेशानी है वो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें और अपना इलाज शुरू करें।

साइनस में खांसी और चेहरे पर सूजन आना: साइनस की वजह से लोगों को खांसी और चेहरे पर सूजन भी आ सकती हैं।

नाक में भारीपन महसूस होना: जिन लोगों को साइनज होता है उनकी नाक हमेशा भारी महसूस होती है। कई बार नाक में सूजन भी आ जाती है।

साइनस के चार प्रकार होते हैं (Sinus Infections Types in Hindi):

क्रोनिक साइनस- इस प्रकार के साइनस से नाक के छेद्रों के आस-पास की कोशिकाएं सूज जाती हैं। नाक में सूजन आ जाती है और नाक में दर्द भी रहता है।

डेविएटेड साइनस- जब साइनस नाक के एक हिस्से पर होता है, तो उसे डेविएटेड साइनस के नाम से जाना जाता है। इसके होने पर नाक बंद हो जाती है और व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है।

एक्यूट साइनस- क्यूट साइनस मुख्य रूप से उस स्थिति में होता है, जब कोई व्यक्ति किसी तरह के वायरस या बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाता है।

हे साइनस- हे साइनस को एलर्जी साइनस भी कहा जा सकता है। यह साइनस मुख्य रूप से उस व्यक्ति को होता है, जिसे धूल के कणों, पालतू जानवरों इत्यादि से एलर्जी होती है।

साइनस का उपचार (Sinus Infections Treatment and Home Remedies in Hindi):

साइनस के बारे में अक्सर लोगों की राय है कि ये बीमारी एक बार हो गई तो तमाम उम्र उनके साथ रहेगी। लेकिन लोगों को इस सोच से बाहर आने की जरूरत है। साइनस ऐसी बीमारी है जिसका ठीक से उपचार किया जाए तो उससे निजात पाई जा सकती है। आइए आपको बताते हैं कैसे करें इसका उपचार।

  • इस नाक की बीमारी का इलाज एंटीबायोटिक दवाई के माध्यम से भी संभव है। ये दवाईयां शरीर में साइनस को बढ़ने से रोकती हैं और व्यक्ति को कुछ समय की राहत भी देती हैं।
  • साइनस का इलाज किसी अन्य तरीकों से संभव नहीं हो पाता है तो फिर सर्जरी का सहारा लेना चाहिए। इस स्थिति में नाक की सर्जरी या साइनस सर्जरी को कराना लाभदायक साबित हो सकता है। 
  • साइनस से पीड़ित व्यक्ति को नेज़ल स्प्रे का इस्तेमाल करना चाहिए, स्प्रे से बंद नाक खुलती है और जल्द राहत मिलती है।
  • योगा को किसी भी बीमारी के इलाज का सर्वोत्तम तरीका माना जाता है। साइनस का इलाज योगा के द्वारा संभव है। इसके लिए कुछ योगासान जैसे कपालभाती, अनुलोम-विलोम, प्राणायाम इत्यादि को किया जा सकता है।
  • आयुर्वेदिक तरीके से इसका उपचार संभव है। साइनस का इलाज आयुर्वेदिक तरीके से किया जा सकता है। आयुर्वेद में इस बीमारी की सफलता की दर अधिक है।

 

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